समाधान राशि, उस पर देय ब्याज तथा अर्थदण्ड की वसूली उ 0 प्र 0 मूल्य संविर्धत कर अधिनियम 2008 के प्राविधानों के अन्तर्गत भू-राजस्व की बकाया के रुप में की जायेगी।
2.
अधिरोपित शास्ति राषि नियत समयावधि में जमा न किये जाने पर अधिनियम की धारा 96 के तहत भू-राजस्व की बकाया की भांति वसूल की जावेगी तथा राषि संदाय होने तक अनावेदक की अनुज्ञप्ति निलंबित रहेगी ।
3.
इस संबंध में जारी आदेश में उन्होंने कहा है कि इस अधिनियम की धारा 5 के अनुसार धारा 3 के उपबंधों पर प्रभाव डाले बिना, राज्य सरकार ऐसे उपाय करने के लिये सक्षम होगी जिससे किसी लिखावट को मिटाने, किसी सम्पत्ति को विरूपण से मुक्त कराने या किसी चिन्ह को हटाने के लिये दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति से सरकार भू-राजस्व की बकाया के रूप में वसूल कर सकेगी।
4.
यदि नियोजक द्वारा, इस अधिनियम के तहत देय उपदान की राशि या उसके पात्र व्यक्ति को निर्धारित समय के अंदर भुगतान नहीं किया जाता है तो नियंत्रण प्राधिकारी व्यक्ति दु:खी व्यक्ति द्वारा इस संबंध में उन्हें किए गए आवेदन पर उस राशि के लिए कलेक्टर को एक प्रमाण पत्र जारी करेगा जो उस राशि को निर्धारित अवधि की समाप्ति की तारीख से केन्द्र सरकार द्वारा, अधिसूचना द्वारा, यथा विनिर्दिष्ट दर पर उस राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज सहित भू-राजस्व की बकाया राशि के तौर पर वसूल करके उसे उसके पात्र व्यक्ति को दे देगा।